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अंदाज़े बयाँ ना हो सही
पर दिल में अरमान हम भी रखा करते हैं
आओ कुछ नया करते हैं
दिल के अरमानो को बयां करते हैं
गिरने के डर से ना करने वाली कोशिशों को बयाँ करते हैं
गिर कर संभलने की दुआ करते हैं
आओ कुछ नया करते हैं
अतीत को भुला कर
वर्तमान में कुछ कर गुजरते हैं
आने वाले अतीत को इतिहासों में दर्ज कर गुज़रते हैं
आओ कुछ नया करते हैं
रैना के सपनो को रवि के तले सच कर गुजरते हैं
शिखा के बीच रोड़ों को पार कर हौसले बुलन्द करते हैं
आसमां को छू लेने वाली उड़ान भरते हैं
आओ कुछ नया करते हैं ।।
©शांडिल्य मनिष तिवारी।
12 Comments
रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteजीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण लिए सार्थक रचना।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteवाह! मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना आदरणीय
ReplyDeleteसादर
बहुत बहुत आभार।
Deleteसकारात्मक भावों को दर्शाती सुन्दर रचना ।
ReplyDeleteशुक्रिया।
Deleteरैना के सपनो को रवि के तले सच कर गुजरते हैं
ReplyDeleteशिखा के बीच रोड़ों को पार कर हौसले बुलन्द करते हैं
वाह !!!!बहुत खूब ,सादर नमन
आपका धन्यवाद।
Deleteआशाओं और उम्मीदों की उड़ान....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर....
वाह!!!
आपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।