अधूरा पैमाना। March 04, 2017 कोई बच नहीं सकता इस मोहब्बत की बीमारी से, बस एक पैमाना अधूरा रह जाता है होठों की अदाकारी से, यूँ नादान बने रहने का समय अब नहीं रहा, तुम पास तो आओ, कुछ हरकतें करते हैं। ©नीतिश तिवारी। Read more