मैं महबूब से मोहब्बत का हिसाब माँगूंगा, उन उलझे हुए सवालों का जवाब माँगूंगा। मैं जा रहा हूँ उसकी गली में फिर से, उसकी किताब म…
Read moreकि कोई आए तो आए कैसे, मुझको भाए तो भाए कैसे. अपना बनाए तो बनाए कैसे, हम दिल लुटाएं तो लुटाएं कैसे. कोई खुश्बू महकाय तो महकाय कैसे, …
Read moreआसमाँ में तारे बहुत हैं, मेरे लिए सहारे बहुत हैं. तुझे क्या खबर ओ ज़ालिम, तेरी जुल्फों के नज़ारे बहुत हैं. © नीतीश तिवारी
Read moreअगर तुम ना होती तो... ये गुलाब ना होता,ये शबाब ना होता. ये झरने ना होते, ये भँवरे ना होते, ये नदियाँ ना होती, ये वादियाँ ना ह…
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