मैं कोशिश करता हूँ कि अपनी शायरी ग़ज़ल और कविताओं में काल्पनिक बाते ही लिखूँ फिर कुछ दिन बाद लोग शिकायत करने आ जाते हैं कि तुमने मेरी कहानी क्यों लिख …
Read moreमैं शब्द नहीं जज्बात लिख रहा हूँ उस दौर में गुजरी वो हालात लिख रहा हूँ। सावन भादो कोई भी मौसम हर मौसम की सौगात लिख रहा हूँ तेरे दुख की बदली में जो बर…
Read moreकल साँसों को फ़िक्र हो रही थी तुम्हारी आज धड़कनों ने ये पैगाम भेजा है शहर से मुझे हमेशा शिकायत रही है गाँव से माँ ने इस बार आम भेजा है ©नीतिश त…
Read moreएक दोस्त के पिताजी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए हैं तो मैंने उनके अनुरोध पर ये कविता लिखी। अलविदा नहीं कहूँगा। समय की कोठरी में एक युग खत्म हो जा…
Read moreवो सुकून है मेरा मैं उसका साथी हूँ वो दिया है मेरा मैं उसका बाती हूँ मैं जलता हूँ तो वो रौशन होती है मेरी हर खुशियों में वो रोज शामिल होती है। ©नीतिश…
Read moreपुरुष के प्रताड़ना की बातें कभी नहीं होती क्योंकि उसे मिला दर्द भावनात्मक ज्यादा होता है। ऐ पुरुष तुम लिखना अपना भाग्य और तुम बनना इतना मजबूत कि अप…
Read moreसब कुछ झूठ है तो फिर सच क्या है? तेरा मिलना तेरा बिछड़ना मेरा तड़पना या मेरा बिखरना खुशी तुम हो तो फिर दर्द क्या है तेरी जुदाई तेरी बेवफ़ाई मेरी तन्हाई …
Read moreफिर उस राह पर चल पड़ा, मंज़िल को चुनौती देते हुए, कि मैं जल्द ही तेरे पास आऊँगा, अभी राह के काँटों को हटाना है। मेरे सपने तो पूरे होंगे ही, तेरा भी जय …
Read moreकौन जानता है सच और झूठ के बीच का फासला, किसने गढ़े हैं इन दीवारों पर एक विरहन की व्यथा। कौन मेरे अरमानो की अर्थी को कंधा दे गया, किसने मेरे दुख …
Read morePic credit: unsplash कमरे की दीवारें ये छत, लाल पर्दा सब मुझे घूरते हैं सब जानने की कोशिश में लगे हैं कि ये अकेला तन्हा होकर भी उनके साथ क्यों …
Read moreवही तारीख़ वही समय वही पल आज फिर आया है। जब तुम बिछड़े थे जब मैं तड़पा था सब साँसे रुकी थी जब रूह काँपी थी। वही तारीख़ वही समय वही पल आज फिर आया है। जब ध…
Read moreतुम मेरी तारीफ़ के लिए अल्फ़ाज़ ढूँढते हो, तुमने मेरे जज्बात को कभी पढ़ा ही नहीं, हक़ जताने का तुम्हें बड़ा शौक था लेकिन, तुमने कभी मेरे हालात को समझा ही…
Read morePic credit: unsplash. ये कैसा दौर है कि तुम पास भी नहीं और मुझमें साँस भी नहीं तुम्हारी गैरमौजूदगी में तड़प ने अपनी घुटन की ज़ंजीर से मुझे कैद करके रखा…
Read moreशुक्रिया किसका करूँ पहले छोड़कर जाने वाले का या बाद में साथ निभाने वाले का सबक तो दोनों ने दिए मुझे ज़िन्दगी में छोड़कर जाना उसका फैसला था फिर साथ निभान…
Read morePic credit: pixabay जिसके प्रेम से मैं आच्छादित हुआ, जिसका प्रेम पूर्णतः मर्यादित था, उसी के प्रार्थना का परिणाम हो तुम, मेरे प्रेम का पूर्ण विराम ह…
Read morePic credit: pixabay शब्द झूठे हो सकते हैं मेरी स्वीकृति तो सत्य है तुम कल मेरी थी यही आज का तथ्य है प्रेम हमारा परिपूर्ण था अथाह सागर के जैसा फिर छ…
Read moreMere sukh ke kitne sathi | मेरे सुख के कितने साथी। मेरे सुख के कितने साथी, दुख तो जैसे बिना दीये की बाती, चंचल मन बस यही है कहता, खिड़की से रौशनी क्…
Read morePic credit : pinterest. Tujhme mera kuchh nahi | तुझमें मेरा कुछ नहीं। तुझमें मेरा कु…
Read morePhoto courtesy: Google. कैसे करुँ इज़हार-ए-मोहब्बत, जरा तुम ये बतलाओ हमें, दुनिया जहाँ को भूल बैठे हैं, अब यूँ ना तड़पाओ हमें। …
Read morePic credit: Pinterest. तुझे लगता है... तुझे लगता है कि मैं तेरे बगैर नहीं रह सकता तो भ्रम में हो तुम तन्हाई की दी…
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