ढूँढ रहा था जिस पल को उसमे होकर लौटा हूँ, मैं मुसाफिर हूँ यारो सब कुछ खोकर लौटा हूँ, और तुम क्या जानोगे अदब मेरी दीवानगी का, उसके …
Read moreफ़ुर्सत में मैं ग़ज़ल लिखता हूँ, तेरी यादों का एक सफ़र लिखता हूँ. वो वक़्त जो थम सा गया था कभी, उस वक़्त की रगुजर लिखता हूँ. …
Read moreअगर तुम ना होती तो... ये गुलाब ना होता,ये शबाब ना होता. ये झरने ना होते, ये भँवरे ना होते, ये नदियाँ ना होती, ये वादियाँ ना ह…
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