कल रात मैंने सोंचा तुम्हें अपनी शायरी में लिख देता हूँ पर जब लिखने बैठा तुम तो ग़ज़ल बन गयी। अपनी डायरी में तुम्हारा न…
Read moreऐसा क्यूँ करती हो , तुम बार-बार, कि मेरी आँखों से पहुँच कर, मेरे दिल मे उतर जाती हो. और मैं फिर, एक द्वंद मे फँस जाता हूँ. …
Read moreअभी रुको, तुम्हारी आँखें कुछ कह रही हैं, मुझे पढ़ने दो, इसमें छुपे हुए जज़्बात को। अभी रुको, इन ज़ुल्फ़ों को मत हटाओ, अपने चेहरे स…
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