लिख रहा हूँ आज मैं वो, इंकलाब की आँधी है। क्यों गलतफ़हमी में हो कि आज़ादी दिलाने वाले गाँधी हैं। बरसों का संघर्ष रहा, कितनों ने है लाठियाँ खाई। भगत स…
Read moreदेश का हुआ बुरा हाल है, गरीब अपनी दशा पर बेहाल है, और आज़ादी मना रहे हैं हम। ये कैसी आज़ादी और किसकी आज़ादी? बहू बेटियों पर हो रहा…
Read more
Connect With Me