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Ek paigam premika ke naam | एक पैगाम प्रेमिका के नाम।









मैं कल सोच रहा था कि तुम्हारे अलावा किसी  और को दिल दे सकता हूँ क्या? फिर सुबह से शाम हो गई और मैं सोचता ही रह गया, लेकिन किसी और का नाम जुबाँ पर नहीं आया। 

मेरे मोहब्बत की इंतिहा की तो तुम्हें दाद देनी ही पड़ेगी कि तुमसे दूर रहकर भी मैं तुम्हें हमेशा अपने पास महसूस करता हूँ। अब इसे तुम्हारे होने का असर कहूँ, तुम्हारे खूबसूरती की दीवानगी या कुछ और। लेकिन इतना तो तय है कि मेरे लिए सिर्फ़ तुम मायने रखती हो। कुछ बात होगी तो कह दूंगा मैं लेकिन फिलहाल तो जो बात है, वह तुझमें ही है। वही बात जो एक प्रेमिका को महान बनाती है। वही बात जो महान प्रेमिका का साथ पाकर एक प्रेमी अपने आप को धनवान समझता है। हाँ, तो इस बात को तुम भी समझना कि तुम्हारे बिना मेरा कुछ भी अस्तित्व नहीं है। मैं बेजान हो जाता हूँ जब तुम मेरा हाथ छोड़ देती हो। मैं बेपरवाह हो जाता हूँ जब तुम मेरी परवाह करना छोड़ देती हो। इसलिए हमेशा तुम्हारे करीब रहना चाहता हूँ। तुम्हें खोने से डरता हूँ इसलिए तुम्हें पा लेना चाहता हूँ। हमेशा के लिए। 

©नीतिश तिवारी।

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9 Comments

  1. मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!

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  2. बहुत ही रोमांटिक

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  3. दिल के जज्बात बहुत सुंदर तरीके से व्यक्त किए है आपने।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद!

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  4. बहुत ही भावपूर्ण हृदयोद्गार ।

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