Pic courtesy: Pinterest. तुमने कुछ नहीं कहा, ये बरसात भी थम गई। तुम्हारे जाने के बाद अक्सर सोंचता हूँ कि प्यार का मौसम कौन सा था। प्यार मौजूद भी था या बेमौसम बारिश की तरह आया और चला गया। कितनी कहानियों के किरदार सजा कर रखे थे मैंने। पर तुम्हारे जाने के बाद सारे किरदार दम तोड़ने लगे हैं। किताबों पर धूल पड़ गयी है, बगीचों में फूल खत्म हो गए हैं। पर जाते जाते एक वादा करके जाओ। वादा ये की तुम आओगी फिर से। उन्हीं कहानियों के किरदार को ज़िंदा करने के लिए। मुझे ज़िंदा करने के लिए। ©नीतिश तिवारी। पंक्तियाँ अच्छी लगी हों तो शेयर जरूर कीजिए। धन्यवाद।