मैं जीत जाऊं या मैं हार जाऊं, बस ख्वाहिश यही है कि मैं दरिया ये पार जाऊं। मैं किसी के दिल में रहूँ या किसी की यादों में रहू…
Read moreमुझे मेरे महबूब से कभी इकरार ना मिला, दोस्ती तो बहुत मिली पर प्यार ना मिला। हम खरीद लेते पूरा जहान उसके खातिर, पर इस धरती पर…
Read more
Connect With Me