Pic credit: Pinterest. सुलझाना उसकी जुल्फ़ों को और बगिया से फूल भी ले आना गजरे की महक साँसों में समाएगी और याद आएगा उसका मुस्कुराना कोयल की कू कू और उसके होठों की हलचल शोर मचाएगी तो अपने दिल को संभालना भीगे बदन में ठिठुरन जो होगी मीठा सा दर्द होगा उसे तुम सह जाना ये सावन का मौसम और बारिश की बूँदें मोहब्बत में तुम कुछ यूँ भींग जाना ©नीतिश तिवारी।