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मशहूर हूँ तेरे दर्द के कारण।


Dard shayari
Pic credit: pinterest.








नज़रें तुम्हारी, हुस्न तुम्हारा, और हम पर कत्ल का इल्ज़ाम आया,
झुमकों ने तुम्हारी शरारत की, तब जाकर मयख़ाने में
जाम आया।


Nazren tumhari, husn tumhara, aur hum par qatl ka ilzaam aaya,
Jhumkon ne tumhari shararat ki, tab jakar maykhane mein jaam aaya.

मेरे हर शेर से पहले इरशाद करने वाले,
अब आ भी जाओ हमें बर्बाद करने वाले,
मैं मशहूर हूँ आज तो तेरे दर्द के कारण,
मरहम मत लगाओ ज़िन्दगी आबाद करने वाले।

Mere har sher se pahle irshad karne wale,
Ab aa bhi jaao humen barbaad karne wale,
Main mashhoor hoon aaj to tere dard ke karan,
Marham mat lagao zindagi aabad karne wale.

©नीतिश तिवारी।





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9 Comments

  1. रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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  2. बहुत सुन्दर।
    पत्रकारिता दिवस की बधाई हो।

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  3. सुन्दर प्रस्तुति

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद।

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