Mohabbat aur Kejriwal. Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 29, 2018 आजकल लोग मुझसे बहुत सवाल पूछ रहे हैं। लगता है वो मुझे भी केजरीवाल समझ रहे हैं। मैं तेरी गली में बवाल करना चाहता हूँ। मैं मोहब्बत में केजरीवाल होना चाहता हूँ। ©नीतिश तिवारी। Read more
रात की तन्हाईयाँ। Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 18, 2018 रात की तन्हाईयाँ और तुम्हारी खामोशियाँ दोनो एक साथ मौजूद क्यों हैं। ये कैसा सितम है मुझ पर या कोई ज़ुल्म किया है हालात ने। खयालों के ख्वाब बुनते-बुनते मैं थक सा गया हूँ भीड़ में तुम्हें ढूंढते-ढूंढते मैं थक सा गया हूँ। मशाल की तलाश है पर एक चिंगारी भी मौजूद नहीं मैं तुझको कैसे भुला दूँ ये समझदारी भी मौजूद नहीं। ©नीतिश तिवारी। Read more
एहसास होता है। Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 17, 2018 प्यार में हो जब तो ये एहसास होता है, दूर हो महबूब फिर भी पास होता है। वक़्त गुजर जाये चाहे सदियाँ बीत जाएं, एक दिन वो आएंगे बस यही आस होता है। ©नीतिश तिवारी। Read more
तुम्हारी माँग का सिंदूर। Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 10, 2018 ये जो तुम्हारी माँग में सिंदूर है ना ये सिर्फ सिंदूर नहीं बल्कि मेरे जीवन का दस्तूर है। और ये तुम्हारी माथे की बिंदिया प्रतीक है मेरी उन्नति का प्यार में और जीवन में भी। ये तुम्हारी सुरमयी आँखों का काजल सम्मोहित करता है तुम्हें जी भरके निहारने को बस तुम्हीं में खो जाने को। तुम्हारे होठों की लाली का ऐसा जादू है कि शब्द कम पड़ जाते हैं तारिफ में फिर भी मैं अपने को कवि कहता हूँ। ©नीतिश तिवारी। Read more
तुम भी कभी हमारे थे। Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 06, 2018 अकेले दरिया पार किया, मेरा साथी छूटा किनारे पे, मंज़िल तो छूटनी ही थी, जब रास्ता भटका चौराहे पे। बिखर गए थे ख्वाब मेरे, पर तुम्ही ने तो सँवारे थे, याद आता है वो लम्हा, जब तुम भी कभी हमारे थे। बरसात की बूँदें और तुम्हारे आँसू, दोनों को हमने संभाले थे, तेरे आँचल की छाँव में, कई लम्हे हमने गुजारे थे। कभी यकीन ना था कि तुमसे हम बिछड़ जाएंगे, तेरी मोहब्बत में तुझसे ज्यादा हम खुदा के सहारे थे। ©नीतिश तिवारी। Read more