आसमाँ में तारे बहुत हैं, मेरे लिए सहारे बहुत हैं. तुझे क्या खबर ओ ज़ालिम, तेरी जुल्फों के नज़ारे बहुत हैं. © नीतीश तिवारी
Read moreअब और नहीं कर सकता मैं इंतज़ार , क्यूंकि मुझे हो गया है तुझसे प्यार, तुम भी आ जाओ कर लो इकरार , नहीं तो फिर से आ जायेगा वो इतवार। …
Read moreपत्ते बिखर गये हैं, आओ इनको समेट लें, हुनर निखर गये हैं, आओ इनको सहेज लें. रिश्ते बिगड़ गये हैं, आओं इनको बना लें. अपने बिछड़ …
Read moreखुशियों की बहार है, रंगों की बौछार है, फिर से आया , …
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