फ़ुर्सत में मैं ग़ज़ल लिखता हूँ, तेरी यादों का एक सफ़र लिखता हूँ. वो वक़्त जो थम सा गया था कभी, उस वक़्त की रगुजर लिखता हूँ. …
Read moreपल भर में शबनम,पल भर मे शोला, शातिर तू है और मैं कितना भोला. पतझड़ मे सावन और सावन मे बारिश, तू है जैसे मेरे बरसों की ख्वाहिश. …
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