बड़ी फुर्सत से वो रंग जमा गए , बरसों बाद मुझे वो अंग लगा गए। धड़कन का सुरूर जब दिल में चढ़ जाता है , तेरे आने कि खुशबू से मेरा मन सँवर …
Read moreकौन कहता है इस दिल में तेरे निशान नही है, शीशे के घर तो बहुत हैं पर पक्के मकान नही हैं, …
Read moreकोई शब्द मिले, कोई राग छिड़े, तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल। मोहब्बत फिर से हो, इबादत फिर से हो, तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल। फ़िज़ाये फिर …
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