अलविदा 2013

अब भी आरजू है तुझे सँवरने की, पर वक़्त को आदत नही है ठहरने की , अब भी चाहत है मेरी तड़पने की , तेरी हर एक साँसों में महकने की, पलकों के साये में बिछड़ने की उस हसीन दारिया में उतरने की, खूबसूरत लम्हों को क़ैद करने की, और फिर से हद से गुजरने की. अलविदा 2013....