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उम्मीदों से चलती ज़िन्दगी।







ख़बर तुम्हें भी है,
पता मुझे भी है,
मिलना नहीं हमें,
वफ़ा फिर भी है।

उम्मीदों से चलती ज़िन्दगी,
ना रुकती कभी ये ज़िन्दगी,
हार मानकार भी क्या होगा,
जीतने का नाम है ज़िन्दगी।

नववर्ष 2020 की शुभकामनाएँ।

©नीतिश तिवारी।



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2 Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (31-12-2019) को    "भारत की जयकार"     (चर्चा अंक-3566)  पर भी होगी।--
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    Replies
    1. रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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