Latest

6/recent/ticker-posts

नज़राना मोहब्बत का।













Pic credit: Google.






तेरे उड़ते हुए खयालों का मैं एक परिंदा हूँ,
छत पर निकल कर देख, मैं अभी ज़िंदा हूँ।

कोई नज़राना तो पेश कर, मैं अब आ गया हूँ,
धड़कनें तो जरा सुन, मैं तुझमें समा गया हूँ।

©नीतिश तिवारी।

Post a Comment

6 Comments

पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।