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Gazal- Ishq Mein Awara




















हम सबके हो गए, कोई हमारा ना हुआ,
एक बार हुआ इश्क़, फिर दुबारा ना हुआ।

दिल को संभालने को शराब पीना था,
मयखाना दूर था, जाम हमारा ना हुआ।

वो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
उनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ।

शेर से शुरुआत करके, ग़ज़ल लिख डाली,
इश्क़ में मुझ जैसा कोई आवारा ना हुआ।

कब्र पर मेरे फूल चढ़ाने वाले कह रहे हैं,
इस जैसा आशिक़ यहाँ दुबारा ना हुआ।

©नीतिश तिवारी।














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22 Comments

  1. Sir my help sir mera ek blog hai bo free domain par tha or aab mene use costume domain par kar diya hai mere blog ki problem apke blog ki traha hai
    Sir apne ye problem kaise solve ki please reply
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  2. वाह !!! बहुत खूब .....

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  3. वाह!
    उम्दा शायरी...

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  4. वो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
    उनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ
    बेहतरीन गजल....👌👌👌

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  5. बहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है आपने इसे... बेहतरीन

    नई पोस्ट - लिखता हूँ एक नज्म तुम्हारे लिए
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी।

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  6. बहुत खूबसूरत भाव लिए उम्दा ग़ज़ल ।

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    1. बहूमूल्य टिप्पणी के लिए धन्यवाद।

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  7. बहुत खूब.... आदरणीय
    वो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
    उनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ

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    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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