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बेबसी - लघुकथा।


























रमेश वैसे तो काम करने में मेहनती आदमी था। लेकिन कुछ समय से बॉस उसके काम में रोज़ गलतियाँ निकाल रहा था। आखिरकार वो दिन भी आ गया जब रमेश को उसके बॉस ने नौकरी से निकाल दिया।

थका हारा रमेश शाम को अपने घर पहुंचता है।
रमेश ने पत्नी से कहा, "एक ग्लास पानी देना"।
पत्नी ने जवाब दिया, "खुद ही ले लीजिये फ्रिज में रखा है"।
हालाँकि रमेश का मूड ठीक नहीं था फिर भी उसने प्यार से पत्नी से पूछा,"ऐसे जवाब क्यों दे रही हो?"
पत्नी ने जवाब दिया, "अभी मम्मी का फोन आया था, वो पूछ रही थीं कि दामाद जी ने शादी के समय तुम्हे नेकलेस दिलाने का वादा किया था उसका क्या हुआ। मैं मम्मी को जवाब नहीं दे पायी।
शादी को एक साल हो गया और अभी तक  आपने नेकलेस नहीं दिलवाया।"
पत्नी की बातों को सुनकर रमेश स्तब्ध था।
पत्नी की नज़रें जवाब के इंतज़ार में उसके चेहरे पर टिक गयी थी।


©नीतिश तिवारी।

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2 Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (11-09-2017) को "सूखी मंजुल माला क्यों" (चर्चा अंक 2724) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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